*👉🏻 अपराधियों तक कैसे पहुंचती हैं गोलियां… क्या इस सवाल का मिल पाएगा जवाब* *👉🏻 पढ़ें पूरी खबर सिर्फ हैडलाइन एक्सप्रेस पर 👇🏻*
जालंधर,11 जनवरी 2021-(हैडलाइन एक्सप्रेस)-पंजाब में अपराधियों के पास अवैध रूप से गोलियां कैसे पहुंचती है। इस मामले को लेकर हैडलाइन एक्सप्रेस ने पहले भी कई खबरें प्रकाशित की हैं और एक बार फिर से इसी मामले को लेकर कुछ तथ्य सामने आए हैं। पंजाब के गैंगस्टरों को हथियार सप्लाई करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को पंजाब पुलिस ने एमपी से अरेस्ट किया था। जिनके पास से पुलिस को 12 पिस्तौल और 15 मैगजीन बरामद हुई हैं। खारगोन मध्य प्रदेश के रहने वाले दोनों आरोपी महेश और जग्गू ने पुलिस पूछताछ दौरान बताया कि वह पंजाब के अपराधियों को अवैध हथियार सप्लाई करते थे, लेकिन सवाल फिर से वही है कि अपराधियों को हथियार तो यूपी-बिहार और एमपी वगैरह से मिल जाते हैं लेकिन उन्हें कारतूस कहां से प्राप्त होते हैं। अमृतसर की फतेहपुर सेंट्रल जेल में बंद आरोपी आकाशदीप ने भी माना है कि वह यूपी-एमपी से हथियार मंगवाकर पंजाब के अपराधियों को सप्लाई करता था। आकाशदीप वही है जिसने बॉर्डर पार से ड्रोन के जरिए हथियार मंगवाए थे। हथियार तो अपराधियों तक पहुंच गए लेकिन उन्हें इस्तेमाल करने के लिए गोलियों की जरूरत होती है। पंजाब में बैठे हुए अपराधियों को उन के ठिकाने तक गोलियां कौन सप्लाई करता है ये सवाल अभी भी हल होता दिखाई नहीं दे रहा या यूं कहा जाए कि पंजाब पुलिस इसे हल करना ही नहीं चाहती,क्योंकि अधिकारियों के रिश्तेदारों व चहेतों (जिनके पास लाइसेंसी असला है) को भी दो नंबर में गोलियों की जरूरत तो पड़ती ही है। क्योंकि गोलियां तो भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से बनकर गन हाउस वालों तक पहुंचती है और उन्हीं गन हाउस वालों में से कुछ एक गन हाउस वाले इनकी जरूरतों को पूरा करते हैं।अब शक की सुई फिर से गन हाउस वालों पर जाकर ही रुकती है क्योंकि पिछले कुछ मामलों में पुलिस ने पकड़े गए अपराधियों से पूछताछ दौरान पता किया था कि उन्हें गोलियां कौन सप्लाई करता है। पुलिस पूछताछ दौरान अपराधियों ने कुछ गन हाउस वालों के नाम बताए थे। गन हाउस वालों की अपराधियों के साथ संलिप्तता सामने आने के बाद भी पंजाब पुलिस उनकी जांच करने से गुरेज कर रही है और कुछ गन हाउस इसी का फायदा उठाकर अवैध रूप से महंगे दाम पर गोलियां बेच रहे हैं, जो अपराधियों तक पहुंचती है। अगर पुलिस सही तरीके से जांच करे तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है।