चुनाव अभियान में सैनिक की फोटो और नाम का इस्तेमाल न करें राजनीतिक दल : चुनाव आयोग
भारत निर्वाचन आयोग ने शनिवार को कहा है कि आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी राजनीतिक दल सेवारत सैन्य कर्मी (अभिनंदन या किसी भी जवान) के नाम का इस्तेमाल करेगा तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी. आयोग ने कहा है कि वह अपने पूर्व के दिशा-निर्देश के अनुसार कार्रवाई करेगा.
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आदर्श आचार संहिता पर मैनुअल में भी इसका जिक्र है. मैनुअल में लिखा गया है, ‘रक्षा मंत्रालय ने चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया गया कि कुछ राजनीतिक दल, नेता और उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार के दौरान विज्ञापनों में रक्षा कर्मियों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं. चुनाव आयोग से इस संबंध में उपयुक्त निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया था. ‘
इस पर चुनाव आयोग ने कहा है कि सेनाध्यक्ष या किसी अन्य रक्षा कर्मियों या रक्षा बल के कर्मचारी की तस्वीरों को विज्ञापन / प्रचार में या राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा चुनाव के संबंध में किसी अन्य तरीके से उपयोग या संबद्ध नहीं किया जाना चाहिए.
चुनाव आयोग की ओर से अपलोड किए गए मैनुअल में कहा गया है कि – ‘चुनाव आयोग, सभी राजनीतिक दलों से कहता है कि वे अपने उम्मीदवारों / नेताओं को सलाह दें कि वे अपने चुनाव प्रचार / अभियान के तहत रक्षा कर्मियों या आयोजनों की तस्वीरों को विज्ञापनों में शामिल करने से बचें.’
आयोग की ओर से जारी किया गया मैनुअल
चुनाव आयोग की ओर से 437/6/INST/2013/CC&BE, dated 04.12.2013 राजनीतिक दलों को संबोधित पत्र में कहा है कि – यहाँ यह उल्लेख करना उचित है कि किसी राष्ट्र के सशस्त्र बल उसके सीमावर्ती, सुरक्षा और राजनीतिक व्यवस्था के संरक्षक होते हैं. वे एक आधुनिक लोकतंत्र में राजनीतिक और तटस्थ हितधारक हैं. इसलिए यह आवश्यक है कि राजनीतिक दल और नेता अपने राजनीतिक अभियानों में सशस्त्र बलों का कोई भी संदर्भ देते समय बहुत सावधानी बरतें. आयोग का विचार है कि सेनाध्यक्ष या किसी अन्य रक्षा कर्मियों की तस्वीरें और रक्षा बलों के कार्यों की तस्वीरें किसी भी तरह से विज्ञापन / प्रचार / अभियान में या चुनाव के संबंध में किसी अन्य तरीके से इस्तेमाल नहीं की जानी चाहिए.