*👉🏻 गरीब लोगों के शादी विवाह में डंडा चलाने के लिए ही रह गई पंजाब पुलिस* *👉🏻 जिलाधीश कंपलेक्स के बाहर इंसाफ को लेकर लगाया गया धरना, 10 लोगों के इकट्ठे होने पर पाबंदी के आदेश हुए हवा* *👉🏻 शहर के कई क्षेत्रों में खुली रही दुकानें, पढ़ें पूरी खबर सिर्फ हैडलाइन एक्सप्रेस पर 👇🏻*
जालंधर, 03 अप्रैल 2021-(प्रदीप भल्ला)- कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए मुख्यमंत्री पंजाब ने 15 मई तक मिनी लॉकडाउन लगाने के आदेश जारी कर दिए थे। जिसके बाद जिला जालंधर के जिलाधीश घनश्याम थोरी ने सिर्फ जरूरत की वस्तुओं की दुकानें खुली रखने के आदेश दिए थे। आदेश जारी होने के बाद उनको अमल में लाना पुलिस प्रशासन का काम था लेकिन पुलिस के उच्च अधिकारी अपने एसी कमरों से बाहर ही नहीं निकले और सड़कों पर लोग आम दिनों की तरह ही निकल पड़े।
शहर के कुछ क्षेत्रों में दुकानें भी खुली रही। यहां तक की डॉल्फिन होटल के सामने स्थित मंडी में खासी भीड़ दिखाई दी। यह सब देखकर आम दुकानदारों में चर्चा है कि क्या लॉकडाउन सिर्फ आम दुकानदारों के लिए ही है, क्योंकि शहर के कुछ शॉपिंग मॉल में 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा थी और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था। प्रशासन को चाहिए कि अगर वह आदेश जारी करता है तो सभी लोगों के लिए वह आदेश समान रूप से जारी हो,
क्योंकि कुछ दुकानें खुली होने के कारण दूसरे दुकानदार एतराज कर रहे हैं। अगर आदेशों को अमल में नहीं लाना होता तो फिर आदेशों को जारी ही ना किया जाए।
10 लोगों के इकट्ठे होने की पाबंदी को भी लोगों ने नहीं माना। कुछ दिन पहले बर्ल्टन पार्क से संदिग्ध अवस्था में मनीष कुमार नामक युवक की लाश मिलने के कारण परिजनों ने उसके कत्ल की आशंका जताई थी और थाना डिवीजन नंबर एक में मामला भी दर्ज करवाया था। आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने के कारण और पुलिस की ढीली कार्रवाई के चलते मृतक के पिता तिलकराज व परिजनों ने जिलाधीश कंपलेक्स के सामने ही धरना लगा दिया। इस धरने में 20 से ज्यादा लोग शामिल थे। लोगों ने धरना तो इंसाफ के लिए ही लगाया लेकिन लॉकडाउन में जारी की गई पाबंदियों के आदेशों का उल्लंघन भी कर दिया।