दुष्कर्म के झूठे केस में 666 दिन काटी जेल, बरी होने के बाद 10 हजार करोड़ से अधिक का लगाया दावा
सामूहिक दुष्कर्म के केस में 666 दिन जेल में रहे युवक ने दोषमुक्त होने के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय में अभिभाषक के माध्यम से मध्य प्रदेश शासन व पुलिस के जांच अधिकारी व सहयोगी पुलिसकर्मियों के खिलाफ दस हजार छह करोड़ दो लाख रुपये की क्षतिपूर्ति का दावा पेश किया है। अगली सुनवाई दस जनवरी तय की गई है।
प्रकरण यह है कि एक महिला ने 20 जुलाई 2018 को बाजना थाना पर रिपोर्ट की थी कि वह 18 जनवरी 2018 को अपने घर थी। दोपहर 12 बजे आरोपित कांतू पुत्र नरसिंह अमलीयार निवासी ग्राम घोड़ाखेड़ा आया तथा उससे कहा कि उसके साथ चल, वह उसे उसके भाई के घर छोड़ देगा। वह कांतू के साथ बाइक पर बैठ गई। वह भाई के यहां न ले जाते हुए जंगल में ले गया तथा उससे दुष्कर्म किया। इसके बाद अन्य आरोपित भेरू उर्फ भेरूसिंह निवासी ग्राम मनासा को बुलाकर उसके सुपुर्द किया था। भेरू उसे इंदौर ले गया था और वह छह माह तक रखकर उससे दुष्कर्म करता रहा। इसके बाद उसे बाजना छोड़ गया था। उसने पति को जाकर घटना बताई थी और फिर रिपोर्ट करने आई थी।
पुलिस ने महिला की रिपोर्ट पर आरोपित कांतू व भेरू के खिलाफ भादंवि की धारा 376 डी, 346 व 120 में प्रकरण दर्द किया था। कांतू को 23 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। सुनवाई के बाद 20 अक्टूबर 2022 को न्यायालय ने आरोप प्रमाणित नहीं होने पर दोनों को दोषमुक्त किया।दोषमुक्त होने के बाद कांतू ने अब जय कुलदेवी फाउंडेशन के प्रतिनिधि अभिभाषक विजय यादव के माध्यम से दावा पेश किया है।
झूठे प्रकरण में जेल में रहना पड़ा
कांतू के अनुसार वह बेगुनाह होकर भी करीब दो वर्ष तक जेल में रहा। उसके खिलाफ झूठा प्रकरण बनाया गया था। कहा कि उसे झूठे केस में फंसाया गया। तीन वर्ष तक वह फरार रहा तथा करीब दो वर्ष तक जेल में रहा। अभिभाषक विजय यादव ने बताया कि कांतू विवाहित होकर उसका अपना परिवार है। लंबे समय तक जेल में रहने से उसका परिवार भी काफी परेशान रहा व भुखमरी की स्थिति में पहुंच गया। क्षतिपूर्ति के लिए दावा पेश किया गया है।