👉🏻 इंस्पेक्टर नवदीप सिंह और साथी कर्मचारियों पर क्यों हुआ था मामला दर्ज और किन तथ्यों पर मिली जमानत
👉🏻 पूरे मामले की कहानी क्या थी और उस दिन क्या-क्या हुआ था, पढ़ें सिर्फ हैडलाइन एक्सप्रेस पर 👇🏻
जालंधर, 22 फरवरी 2024-(एच.ई)-जालंधर कमिश्नरेट के पुलिस इंस्पेक्टर नवदीप सिंह को सुप्रीम कोर्ट से रेगुलर जमानत मिल गई है। क्या मामला था जिसमें इंस्पेक्टर नवदीप सिंह को दोषी बना दिया गया था। आइये पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।…….14 अगस्त 2023 को मकसूदां निवासी परमिंदर कौर ने पुलिस हेल्पलाइन पर फोन कर बताया था कि उसके ससुराल वाले उसके साथ मारपीट कर रहे हैं। थाना एक से एक पुलिस मुलाजिम, महिला सिपाही जगजीत कौर, पीसीआर टीम, उक्त महिला के घर पहुँचे तो देखा कि उक्त महिला के साथ किसी प्रकार की कोई भी मारपीट नहीं हुई और जिसका सबूत नही मिला। उसके बाद भी पुलिस मुलाजीमो ने उक्त महिला और उसके ससुराल वालों को थाना नंबर 1 में आने को कहा। उक्त महिला और उसके ससुराल वाले थाना नम्बर 1 में आ गए। उक्त महिला ने अपने कुछ समर्थकों को भी थाना एक मे बुला लिया। इस दौरान थाना एक के प्रभारी इंस्पेक्टर नवदीप सिंह थाना में मौजूद नही थे क्योंकि वह 15 अगस्त की तैयारी के कारण पुलिस अधिकारियों के साथ अपने एरिया में थे। उक्त महिला के पक्ष में मानव उप्पल और मानव ढिल्लों अपने साथियों के साथ थाना में आकर महिला पुलिस मुलाजिम ड्यूटी ऑफिसर गुरदीप सिंह को शिकायतकर्ता महिला के ससुराल वालों के खिलाफ धारा 307 का मुकदमा दर्ज करने के लिये बोल रहे थे, इस पर पुलिस मुलाजीमो ने उनको कहा कि वो कोई गलत काम नही करते हैं और बिना मेडिकल करवाये वह 307 का मामला दर्ज नही करेंगें। इसके बाद आपस में मामला हल न होता देखकर दोनो पार्टियों को 16 अगस्त सुबह 10 बजे थाना आने को कहा। 16 अगस्त 2023 को वक्त 11 बजे उक्त महिला अपने समथर्क मानव ढिल्लों व अपने साथियों सहित थाना 1 में आकर उक्त मामले को डील कर रहे थानेदार बलविन्दर कुमार और महिला मुलाजिम के सामने ही मानव ढिल्लों उक्त महिला के ससुराल वालों के साथ थाना मे ही गाली गलौज करने लगा। जब दोनों मुलाजीमो ने मानव ढिल्लों को ऐसा करने से रोका तो मानव ढिल्लों पुलिस मुलाजीमो के साथ भी गाली गलौज करने लगे। जिस कारण थाने का माहौल खराब हो रहा था। उसी समय थाना प्रभारी नवदीप सिंह थाना में आ जाते हैं। थाना में दोनों पक्षो द्वारा कोई लड़ाई झगडा न हो जाये इसलिये थाना प्रभारी दोनो पक्ष के पारिवारिक मेम्बरों को छोड़कर बाकी लोगो को थाना से बाहर जाने को कह देते हैं। इसी दौरान महिला सिपाही ने उसके साथ मानव ढिल्लों द्वारा बदसलूकी किये जाने को लेकर एक लिखित शिकायत देती है। थाना प्रभारी ड्यूटी ऑफिसर थानेदार जसविन्दर सिंह को शिकायत पत्र मार्क कर देते है और दोनों पक्षो के तीन तीन परिकरिक मेम्बरों को अपने ऑफिस में बुलाते है। इसी दौरान उक्त महिला का जेठ चरणजीत सिंह थाना प्रभारी को आकर कहता है कि मानव ढिल्लों उसके साथ बहुत गलत व्यवहार कर रहा है और उसको धमकी दे रहा है। जिस पर थाना प्रभारी उक्त शिकायतकर्ता से पूछते है कि यह आपका क्या लगता है तो उक्त महिला बताती है कि वह उसके भाई के दोस्त का आगे दोस्त है।इसके बाद मानव ढिल्लों को
थाना प्रभारी नवदीप सिंह ने अपने आफिस में बुलाया और पूछा कि आप पुलिस मुलाजिमों और उक्त महिला के जेठ से क्यों लड़ाई झगडा और गाली गलौज कर रहे हैं और आपका इस लड़की व परिवार वालों से क्या रिश्ता है तो ढिल्लों ने बताया कि उक्त महिला उसकी कजन है जिससे मौके पर ही उसका झूठ पकड़ा गया। जिससे मानव ढिल्लों गुस्से में आकर थाना प्रभारी, पुलिस मुलाजिमों और लडके पक्ष को गाली गलौज करता हुआ धमकी देने लगा कि मैं आपकी वर्दी उतरवाकर रहूंगा। जिसपर थाना प्रभारी ने उसे अपने ऑफिस से बाहर जाने को कहा। ऑफिस से बाहर जाकर भी वो पुलिस मुलाजीमो को बार बार धमका रहा था कि तुम लोगो की वर्दी उतरवा दूंगा। इस दौरान पुलिस मुलाजिम उसको समझा रहे थे कि आप थाना में इस तरह का व्यवहार मत करो और इसी दौरान मुंशी बलविन्दर कुमार उसे अपने रूम में बैठा लिया। थाना प्रभारी ने ड्यूटी ऑफिसर थानेदार जसविन्दर सिंह और थानेदार बलविन्दर कुमार को दोनो शिकायत पत्र पर कानून अनुसार कारवाई करने की हिदायत देकर चले जाते है।उसके बाद उक्त पुलिस कर्मचारीयो के द्वारा दोनो पक्षो का काउंसलिंग की जाती है और उनका आपस मे राजीनामा हो जाता है। दोनो पक्षो के राजीनामा के लिखित में मानव ढिल्लों द्वारा पुलिस कर्मचारियों के बदसलूकी बारे भी लिखा जाता है। राजीनामा होने के बाद शिकायत करता परमिंदर कौर अपने ससुराल घर से अपना समान पुलिस की हिफाजत में ले लेती है और अपने सिश्तेदारो के साथ चली जाती है। जिसके बाद महिला सिपाही जगजीत कौर की शिकायत पर सुनवाई करते हुये मानव ढिल्लों के खिलाफ 107/151crpc के तहत थानेदार जसविन्दर सिंह ने कार्रवाई करने के बाद उसका सिविल अस्पताल से मेडिकल करवा के उसको हवालात में बंद कर देता है। मानव ढिल्लो का पिता जितेंद्र पाल ढिल्लों उसको मिलने के लिये थाने में आते हैं और मिलने के बाद चले जाते हैं। 17 अगस्त 2023 थानेदार ने फिर से मानव ढिल्लों का सिविल अस्पताल से अलग अलग डॉक्टरों द्वारा कुल 7 डॉक्टरों से मेडिकल कराने के बाद उसको कोर्ट में पेश किया। जहाँ से उसे उस समय मौका पर मानव उप्पल राजवीर कौर जितेंद्र पाल ढिल्लों भगवंत सिंह वकील सरबजीत सिंह मौजूद थे। उनके सामने जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद मानव ढिल्लों अपने किसी दोस्त और थानेदार जसविंदर सिंह के साथ थाना 1 आया और थाना के मुंशी बलविन्दर कुमार और थानेदार जसविंदर सिंह से अपना सामान लेकर चला जाता है।
17 अगस्त को रात 8 बजे पुलिस को वकील सरजीत सिंह फोन करता है कि आपके द्वारा की गई करवाई के कारण दो भाइयों ने गोबिंदबाल में व्यास दरिया में छलांग लगा दी है। 18 अगस्त 2023 को सोशल मीडिया के ऊपर इस बारे एक खबर चलने लगी जिस में मानव उप्पल नामक व्यक्ति मीडिया को बता रहा है की 16 अगस्त को मानव ढिल्लों जिसके खिलाफ थाना एक पुलिस ने 107/151 के तहत कारवाई की गई थी उस समय मानव ढिल्लों के साथ थाना में मारपीट की गई थी और उसकी पगड़ी उतार दी गई थी और गलत ढंग से उसके खिलाफ 107/151 की कारवाई की गई थी। जिस बात की जानकारी मिलने पर मानव ढिल्लों का छोटा भाई जशन ढिल्लों ने इस बात को अपने दिल पर लगा लिया था इसी कारण उसने 17 अगस्त शाम साढ़े 7 बजे गोविन्दबाल साहब व्यास दरिया में छलांग लगा दी और जशन को बचाने के लिये मानव ढिल्लों भी व्यास दरिया में छलाँग लगा देता है। इस मामले को लेकर 18 अगस्त को मानव उप्पल ने थाना तालबंदी चौधरिया में दर्खास्त नम्बर 311-R/SL दी। 19 अगस्त 2023 को यही दरखास्त पुलिस कमिश्नर जालंधर को दी गई। इसके बाद मानव उप्पल द्वरा सोशल मीडिया के जरिये पुलिस पर दबाब बनाना शुरू किया। 19 अगस्त को शाम करीब 7 बजे मानव ढिल्लों का फोन 48 घंटे के बाद कुछ समय के लिये चालू होता है। 25 अगस्त को पुलिस कमिश्नर ने सोशल मीडिया पर इस खबर को देखते हुए थाना प्रभारी को थाना से पुलिस लाइन भेज दिया। 2 सितंबर को थाना तलाबंदी चौधरिया के एक गाँव के एक खेत से एक गली सड़ी लाश मिलती है जिसको मानव उप्पल और जितेंद्र पाल सिंह उस बॉडी के पहने हुए कड़ा और जूतो से उसकी पहचान जशन ढिल्लों के तौर पर करते हैं। मानव उप्पल एक और दरखास्त नम्बर 1971/SPC तारीख 2 सितंबर एसएसपी कपूरथला को देता है और उस डेड बॉडी को लेकर CM हाउस और DGP के ऑफिस के बाहर रख कर प्रर्दशन करने की सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर न्यूज़ लगवाता है। जिसके दवाब में आकर पुलिस कमिश्नर ने थाना प्रभारी को डिसमिस कर देते है और महिला पुलिस सिपाही और थाना के मुंशी को सस्पेंड कर देते है। इसी दौरान एसएसपी कपूरथला ने थाना प्रभारी महिला सिपाही और मुंशी के खिलाफ इस मामले को लेकर मुकदमा नम्बर 52
तारीख 3 सितंबर 2023 धारा 306,506,34 IPc के तहत दर्ज कर लिया गया।
सभी दोषी फरार हो जाते हैं और जिसके बाद मुंशी और महिला सिपाही की जमानत 2023 में ही पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से हो गई थी। 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट से इंस्पेक्टर नवदीप सिंह की इंटरम जमानत मंजूर हुई थी जो आज सुप्रीम कोर्ट ने आज 21 फरवरी को इस मामले में केस के हर पहलुओ को देखते हुये जमानत याचिका मंजूर कर ली है। गौतलब है कि दोनों पक्षो के तरफ से बहुत सारी शिकायत डीजीपी पंजाब को दी गई थी जिसकी जाँच डीजीपी ने पुलिस कमिश्नर जालंधर से करवाई और मानव उप्पल द्वारा पुलिस कर्मचारियों पर लगाये गए आरोप झूठे पाय गए हैं।
क्योंकि मानव ढिल्लों के ख़िलाफ पुलिस के महिला सिपाही जगजीत कौर की शिकायत पर 107/151 crpc की तहत की गई कारवाई को सही मानते हुये उसे जमानत दी गई थी और पुलिस हिरासत के 24 घंटों में मानव ढिल्लों का पुलिस द्वारा 7 डॉक्टरों के टीम से दो बार मेडिकल कराया गया था। जिस पर डॉक्टरों ने जाँच कर लिखा था कि उसके शरीर मर मारपीट के निशान नही थे। इसके अलावा न तो मानव ढिल्लों ने अपना कोई मेडिकल करवाया था जबकि एडीसीपी सिटी 1 की जांच रिपोर्ट में थाने और हवालात में मौजूद 10 लोगो के बयान दर्ज किय गए हैं। जिसमें मानव ढिल्लों द्वारा खुद पगड़ी उतारने की बात कही गई है और सीसीटीवी कैमरों के साथ कोई भी छेड़छाड़ नही हुई है, क्योंकि कैमरा 24 जुलाई से ही खराब थे। जिस बारे उच्च अधिकारियों को जानकारी दे दी गई थी और डीडीआर दर्ज किया गया था। इस केस में जाँच कर रही SIT ने अपनी स्टेट्स रिपोर्ट भी माननीय अदालत में जमा करा दी है। गौतलब है कि करीब 6 महीनो की जाँच में अगर अब तक पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मानव उप्पल के द्वारा लगाय गए आरोप साबित नही हो रहे तो क्या मुकदमा खारिज करना बनता है या नही, क्योंकि पुलिस कर्मचारियों द्वारा मानव ढिल्लों के खिलाफ कानून अनुसार सरकारी ड्यूटी की गई है। इसके अलाबा मानव ढिल्लों अभी तक लापता है जिसका फोन वाकिया से 48 घंटे बाद ऑन हुआ है और जशन ढिल्लों के खिलाफ पुलिस ने कोई करवाई नही की और ना ही मानव उप्पल जो कहानी पुलिस को बयान कर रहा है के बारे में मानव ढिल्लों और जशन ढिल्लों द्वारा कोई भी लिखती या ऑडियो वीडियो मैसेज नही पेश किया गया है जो उसकी कहनी को बयान करते हों। इसके अलावा मानव उप्पल 16 और 17 अगस्त को पुलिस डिवीजन 1 में गया ही नहीं क्योंकि वह पंजाब से बाहर था। परमिंदर कौर और ढिल्लों भाइयो का आपस मे कोई जान पहचान नही था क्योंकि मानव उपल्ल में बिना कोई सबूत के और बिना मौके पर होते हुये अपना मनगढंत कहानी और सोशल मीडिया का सहारा लेकर पुलिस पर मामला दर्ज कराया है।