च्युइंग गम, मिंट हो या टुथपेस्ट… कृत्रिम मिठास वाली चीजों से बढ़ सकता है बीमारियों का खतरा
नई दिल्ली: शुगर फ्री च्युइंग गम, मिंट और यहां तक कि टूथपेस्ट। इन सभी चीजों में मिठास तो होता ही है। लेकिन ये मिठास आपकी जिंदगी में कितनी कड़वाहट ला सकता है, इसका अंदाजा भी है? यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि ऐसी मिठास के लिए चीनी की जगह जो जाइलिटोल का इस्तेमाल किया जाता है, वह हर्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी गंभी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। राजधानी दिल्ली के डॉक्टरों के अनुसार, स्टडी में सामने आई बात बहुत चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि जाइलिटॉल में हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ाने और प्लेटलेट की प्रतिक्रिया और खून को गाढ़ा करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि हृदय संबंधी बीमारियों वाले रोगियों के लिए इसका महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है।
क्या है जाइलिटोल, जानें
जाइलिटोल एक शुगर अल्कोहल है जो विभिन्न फलों और सब्जियों में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। पिछले एक दशक से इसका इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ा है। इसकी रासायनिक संरचना चीनी के समान है, लेकिन इसमें कम कैलोरी होती है। इस कारण स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों में यह काफी लोकप्रिय है। जाइलिटोल का उपयोग बेकरी के कम मीठे सामानों में भी किया जाता है।
स्टडी रिपोर्ट पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स
शालीमार बाग स्थिति फोर्टिस अस्पताल के कार्डियोलॉजी और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के प्रमुख डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी कहते हैं, ‘जाइलिटोल को अक्सर चीनी के सुरक्षित विकल्प के रूप में प्रचारित किया जाता है, लेकिन स्टडी रिपोर्ट से साफ है कि सावधानी बरतनी चाहिए। खास तौर पर हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम वाले व्यक्तियों को तो तुरंत सतर्क होने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि इसका मेकनिजम पूरी तरह से समझने और इसके सेवन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश स्थापित करने के लिए और अधिक शोध की जरूरत है।
क्लोटिंग की बड़ी वजह जाइलिटोल
अमेरिका की क्लीवलैंड क्लिनिक की स्टडी से पता चलता है कि जाइलिटोल वाले मीठे पेय के सेवन के तुरंत बाद थक्के जमने की घटना तेजी से बढ़ी है, लेकिन ग्लूकोज युक्त मीठे पेय के साथ ऐसा नहीं है। इस अंतर को समझाते हुए इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में न्यूरोलॉजी के निदेशक और प्रमुख डॉ. एके साहनी ने कहा, ‘यह जाइलिटोल के एक खास तरह के मेटाबॉलिक पाथवे के कारण होता है, जो प्लेटलेट फंक्शन और वस्कुलर रिस्पॉन्स को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है।’ उन्होंने कहा, ‘रोगियों, विशेष रूप से हृदय संबंधी जोखिम वाले लोगों को चीनी के कृत्रिम विकल्पों के प्रति सावधान रहना चाहिए और संतुलित आहार को प्राथमिकता देनी चाहिए। टूथपेस्ट और गम जैसे उत्पादों के लिए जाइलिटोल का उपयोग बहुत कम मात्रा में किया जाता है जो सुरक्षित हो सकता है।’