500 रुपये मासिक किराया देकर कुत्तों के बाड़े में रह रहा था मजदूर, पढ़िए हिला देने वाली यह खबर

तिरुवनंतपुरम : भारत में कहा जाता है अतिथि देवो भव:। घर में बाहर से आने वाले को मेहमान कहते हैं। दूसरे शहर, राज्य या दूसरे देशों से आने वाले भी अतिथि होते हैं लेकिन केरल की यह खबर हिला देगा। यहां दूसरे शहरों से आने वाला एक श्रमिक ‘कुत्तों का जीवन’ जी रहा था। कम से कम श्याम सुंदर के लिए, यह कहावत बिल्कुल सच है! बंगाल से आए 37 वर्षीय प्रवासी श्रमिक को एक केनेल (कुत्तों का बाड़ा) में रहते हुए पाया गया। इतना ही नहीं श्याम सुंदर यहां फ्री में नहीं, बल्कि 500 रुपये मासिक किराया देकर रह रहा था। पेशे से एक दिहाड़ी मजदूर, सुंदर आर्थिक तंगी के कारण एर्नाकुलम जिले के पिरावोम दक्षिण में रहने आया। यहां उसने एक घर के परिसर में एक केनेल में शरण ली। जैसे ही खबर फैली, पुलिस मौके पर पहुंची और सुंदर को मेडिकल चेकअप के लिए ले गई। हालांकि, पुलिस ने कहा कि जमीन मालिक के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है क्योंकि श्रमिक ने कहा कि वह अपने आप केनेल में रहना पसंद कर रहा था। सुंदर ने छोटी सी जगह इसलिए चुनी क्योंकि वह पास के एक घर के लिए पहले 3,000 रुपये मासिक किराया नहीं दे सकता था।
श्रम विभाग ने मांगी रिपोर्ट
केरल के श्रम विभाग ने सोमवार को जांच का आदेश दिया है। मंत्री ने मामले में तत्काल रिपोर्ट मांगी है। अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल का श्याम सुंदर पिछले तीन महीनों से एर्नाकुलम जिले के प्रावम शहर में कुत्ते के घर में रह रहा था।
4 सालों से केरल में रह रहा श्याम सुंदर
सुंदर, जो पिछले चार वर्षों से केरल में है, पहले पास के किराए के मकान में रहता था। प्रवासी श्रमिक ने किराए की लागत में कटौती करने के लिए केनेल का विकल्प चुना। वह घर में रहने के लिए 500 रुपये प्रति माह का भुगतान करता था, जिसमें एक ग्रिल वाला दरवाजा था। इससे पहले, वह पास के एक अन्य घर में था, जहां वह किराए के रूप में 3,000 रुपये प्रति माह का भुगतान कर रहा था। पिरावोम नगर पालिका के उपाध्यक्ष केपी सलीम ने कहा कि मीडिया में यह मुद्दा सामने आने के बाद प्रवासी श्रमिक को दूसरे परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया।