बीते 5 साल के दौरान विदेश में 600 से ज्यादा भारतीय छात्रों की मौत
नई दिल्ली : विदेशों में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के लिए एक चिंताजनक खबर सामने आई है। विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, पिछले पांच सालों में 41 देशों में कम से कम 633 भारतीय छात्रों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा 172 मौतें कनाडा में हुई हैं। 19 छात्रों ने तो हिंसक हमलों में जान गंवाई है। वहीं मौत के कारणों में प्राकृतिक कारण, दुर्घटनाएं और मेडिकल इमरजेंसी भी शामिल हैं। यह जानकारी केरल के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश के एक सवाल पर विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा के मानसून सत्र में दी।
कनाडा में सबसे ज्यादा छात्रों की मौत
विदेश मंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि कनाडा में सबसे ज्यादा 172 भारतीय छात्रों की मौत हुई है। उसके बाद अमेरिका में 108 स्टू़डेंट्स ने दम तोड़ा। ब्रिटेन में 58, ऑस्ट्रेलिया में 57, रूस में 37 और जर्मनी में 24 छात्रों की मौत हुई है। पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी एक छात्र के मौत की खबर है। हालांकि, विदेशों में भारतीय छात्रों पर हिंसक हमलों के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय मिशन/पोस्ट के पास मौजूद आंकड़ों से हाल में विदेश गए भारतीय छात्रों के खिलाफ हिंसा में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
हिंसक हमलों में 19 छात्रों ने गंवाई जान
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विदेशों में हिंसक हमलों में 19 छात्रों ने जान गंवाई है। आंकड़ों के अनुसार, कनाडा में सबसे ज्यादा 9 छात्रों की मौत हुई है। उसके बाद अमेरिका में 6 और ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, चीन और किर्गिस्तान में एक-एक छात्र की जान गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय मिशन/पोस्ट की ओर से विदेशों में अप्रिय घटनाओं के मामले आने पर तुरंत उस देश के संबंधित अधिकारियों के समक्ष इसे उठाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे सुनिश्चित हो सके कि मामले की उचित जांच की जाए और दोषियों को दंडित किया जाए। आपात स्थिति या संकट में भारतीय मिशन/पोस्ट विदेशों में फंसे हुए भारतीय छात्रों को खाना, रहने का ठिकाना, दवाएं प्रदान करके और जल्द से जल्द उनके भारत लौटने या वहां से निकालने की कवायद करते हैं।
आपात स्थिति में चलाए गए ये रेस्क्यू ऑपरेशन
हाल ही में, दुनिया भर के देशों से फंसे हुए भारतीय छात्रों को वंदे भारत मिशन, ऑपरेशन गंगा (यूक्रेन) और ऑपरेशन अजय (इजराइल) के माध्यम से भारत लाया गया था। बांग्लादेश से कई भारतीय छात्रों की वापसी को भी हमारे उच्चायोग ने सुगम बनाया था। MEA ने आगे कहा कि विदेशों में भारतीय मिशन/पोस्ट हायर एजुकेशन के लिए विदेश यात्रा करने वाले भारतीय छात्रों को रजिस्ट्रेशन के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं। साथ ही MADAD पोर्टल से भी जुड़ने की कवायद करते हैं। जिससे उनकी शिकायतों और लंबित मुद्दों का तय समय पर समाधान किया जा सके।