*👉🏻 अपराधियों को देसी हथियारों के साथ इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के साथ साथ विदेशी गोलियां कहाँ से मिलती होगी ….?…पढ़ें पार्ट 2* *👉🏻 पढ़ें सिर्फ हैडलाइन एक्सप्रेस पर 👇🏻*
जालंधर, 17 नवंबर 2020-(एच.ई)- आतंकवाद से वर्षो जूझने और हजारों बेगुनाहो की जिंदगी खोने वाला पंजाब अब अपराधियों और नशा तस्करों से झूझ रहा है। पंजाब में अपराधी हो या नशा तस्कर अपने निजी स्वार्थ के लिये हर रोज किसी न किसी बेगुनाह की जिंदगी से खेल रहे है। हम फिलहाल बात अपराधियों की करते है नशा तस्करों पर फिर कभी चर्चा करेंगे, क्योंकि हमारा मकसद अपराधियों को गोलियां सप्लाई करने वालो के नेटवर्क को तोड़ने का है। हर साल प्रदेश में सैकडों की गिनती में अवैध हथियार और हजारों की संख्या में गोलियां पुलिस द्वारा अपराधियों से पकड़ी जाती है पर फिर भी यह रफ्तार कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है। सवाल यह उठता है कि अपराधियों को बड़ी संख्या में गोलियों सप्लाई करता कौन है। पिछले साल पंजाब पुलिस के आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में ऑर्गनाइज्ड क्राइम यूनिट (ओकू) ने फाजिल्का अबोहर के कुछ गन हाउस डीलरों को गिरफ्तार कर यह खुलासा किया था कि गन हाउस डीलर ही अपराधियों को करीब 1 लाख गोलियां और करीब 200 हथियार मोटी कीमत लेकर बेच रहे थे। वही एसटीएफ ने भी कुछ समय पहले सुल्तानपुर में विदेशी हथियार और गोलियां बरामद की थी। हैडलाइन एक्सप्रेस की जांच और सूत्रों से मिली जानकारी में यह पता लगा है कि पंजाब में कई ऐसे शूटर है जिनके आर्म्स लाइसेंस पर 10 हजार से 1 लाख तक गोलियों चढ़ाई गई है, चूंकि 1983/84 से अपने देश मे विदेशी आर्म्स और अमुनेशन के निर्यात पर सरकार द्वारा रोक लगाई गई है, तो अब यह काम शूटर विदेशों से सस्ते दाम (20 से 40 रुपए) पर गोलियां खरीद कर पंजाब में लाते हैं और असला लाइसेंस डीलरों को भारी मुनाफा कमा कर (200 से 250 रुपए) बेचते है। असला लाइसेंस डीलर इन्हीं गोलियों को 500 से 1000 रुपए प्रति गोली आर्म्स लाइसेंस होल्डर, सिविलियन और अपराधियों को बेचते है। इसी तरह कुछ शूटर विदेश से सस्ते मूल्य पर हथियार भी खरीद कर लाते हैं और यहाँ सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त आर्मर से एक सर्टिफिकेट तैयार कराते है कि इस आर्म्स में फाल्ट है और यह शूटिंग के लायक नही है और लाइसेंसी गन हाउस डीलर को महंगे दामो में बेच देते है। डीलर इस आर्म्स को 15 से 25 लाख मूल्य में आगे बेच कर मोटी रकम कमाता है। शूटर सिर्फ विदेश से ही नही इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से भी हजारो से लेकर लाख तक गोलियां सस्ते में खरीद कर आर्म्स डीलर को बेच देते है। जिस गोलियों का डीलरों के पास कोई हिसाब नहीं होता वही गोलियां डीलर मोटी कमाई कर ब्लैक मार्किट में बेचते है या अपराधियों को पहुचाते है। इसमें सचाई चाहे जो हो ? पर यह तो सच है कि अपराधियों को ऑर्डिनेश फैक्ट्री की गोलियों के साथ साथ विदेशी गोलियां कोई न कोई गन हाउस डीलर द्वारा ही बेची जाती है। यह बहुत बड़ी जांच का विषय है, इसलिये पंजाब से क्राइम खत्म कर अपराधियों पर नकेल कसने का सपना देखने वाले एस टी एफ प्रमुख एडीजीपी हरप्रीत सिंह सिधु और ओकू प्रमुख कुँवर विजय प्रताप सिंह जैसे अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिये। कल पढ़े बिना सरकार की परमिशन के जालंधर में खोल लिया अपना शूटिंग रेंज…?