गलत खान-पान से बढ़ रही हैं फैटी लीवर जैसी समस्याएं
नई दिल्ली: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रीशियन (NIN) की आहार संबंधी गाइडलाइंस में बताया गया है कि भारतीयों में फैटी लीवर, गॉल ब्लैडर स्टोन, टाइप 2 डायबिटीज, जॉइंट डिसऑर्डर समेत शारीरिक और मानसिक समस्याओं में इजाफा हो रहा है। करीब 25% भारतीय ज्यादा वजन या मोटापे से पीड़ित हैं और यह सब गलत खान-पान या अनहेल्दी लाइफस्टाइल से जुड़े हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में ये समस्याएं बढ़ रही हैं। स्टोन यानी पथरी की समस्या भी बढ़ रही है और युवाओं में यह काफी बढ़ रही है। जरूरत से ज्यादा ऐसे पदार्थों का सेवन करना, जिनमें फैट (वसा) की मात्रा ज्यादा होती है, चीनी और नमक की ज्यादा मात्रा लेना और उस पर शारीरिक गतिविधियां न करना समस्याओं को कई गुना बढ़ा रहा है।
मोटापा कई बीमारियों का घर
रिपोर्ट में कई बीमारियों का जिक्र किया गया है, जो लगातार बढ़ रही है। मोटापा कई बीमारियों का घर है, जिनमें फैटी लीवर और हाइपरटेंशन तेजी से बढ़ रही समस्या है। फैटी लीवर तब होता है जब आपके लीवर में बहुत अधिक वसा होती है। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है और जिनका वजन अधिक है, उनको खास ध्यान देना होगा। इस स्थिति को रोकने और सुधारने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव करना महत्वपूर्ण है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, इसके अलावा ज्यादा शुगर, फैट, नमक युक्त पदार्थों को खाने में कमी करनी चाहिए। मौसमी फल और सब्जियों को जरूर खाना चाहिए। जिन पैकेट फूड में ज्यादा तेल, नमक और चीनी का प्रयोग होता है, उससे बचना चाहिए। बच्चों में पैकेट फूड की आदत एक समस्या बन रही है। भारत में करीब 57 प्रतिशत बीमारियों का कारण गलत खानपान (अनहेल्दी डाइट) है।
बार-बार तेल को उबालना हानिकारक
गाइडलाइंस में यह भी बताया गया है कि अगर खाने के तेल को बार-बार उबाला जाता है और उसका प्रयोग किया जाता है, तो यह तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है। आहार संबंधी गाइडलाइंस में ‘प्रोटीन सप्लीमेंट’ से बचने को कहा गया है। इन गाइडलाइंस में भारतीयों के लिए जरूरी पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करने और गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) को रोकने संबंधी सुझाव शामिल हैं। गाइडलाइंस में कहा गया है कि बड़ी मात्रा में प्रोटीन पाउडर का लंबे समय तक सेवन से किडनी के रोग भी हो सकते हैं। वहीं शर्करा का सेवन कुल ऊर्जा सेवन का पांच प्रतिशत से कम होना चाहिए और संतुलित आहार में अनाज और मोटे अनाज से 45%, दालों, फलियों और मांस से 15% से अधिक कैलोरी नहीं मिलनी चाहिए। मेवा, सब्जियों, फलों और दूध का सेवन करना चाहिए। कुल वसा का सेवन 30 प्रतिशत ऊर्जा से कम या उसके बराबर होना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर समय से पहले होने वाली मौतों का एक बड़ा हिस्सा टाला जा सकता है।