*👉🏻 कुछ सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे बैंक कर्मी* *👉🏻 सिर्फ जालंधर शहर में ही हड़ताल के कारण 500 करोड़ का लेनदेन हुआ प्रभावित* *👉🏻 पढ़ें पूरी खबर सिर्फ हैडलाइन एक्सप्रेस पर 👇🏻*
जालंधर, 16 मार्च 2021-(प्रदीप भल्ला)- बैंकों के निजीकरण को लेकर भारत सरकार के खिलाफ अखिल भारतीय यूनियन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक के सदस्य हड़ताल पर रहे। हड़ताल के दूसरे दिन 4 बैंकों के कर्मचारी और पांच बैंकों के अधिकारी व शाखा प्रबंधक इस हड़ताल में शामिल हुए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र के दौरान कुछ बैंकों के निजीकरण के बारे में बात की थी। इसी के विरोध में बैंकों के कर्मचारी व अधिकारी 2 दिन की हड़ताल पर रहे। 2 दिनों की इस हड़ताल में जालंधर शहर की 400 और जिले की 750 बैंक शाखाएं पूर्ण रुप से बंद बंद रही। दो दिनों की इस देशव्यापी हड़ताल में सिर्फ जालंधर शहर में ही कुल 500 करोड़ रुपए का लेनदेन प्रभावित हुआ। जिसमें 240 करोड़ रुपए की नगद लेनदेन और 30,000 चेक की क्लीयरिंग का 260 करोड़ रुपए का लेनदेन प्रभावित हुआ। बैंक कर्मचारियों ने अपनी शाखाओं के बाहर निजिकरण का विरोध प्रदर्शन किया और उसके बाद भारतीय स्टेट बैंक की सिविल लाइन शाखा के सामने इकट्ठे होकर एक विशाल रैली के रूप में रोष प्रदर्शन किया।यू एफ बी यू के कन्वीनर कामरेड अमृत लाल ने इस रैली को संबोधित किया और कहा की भारत सरकार सार्वजनिक बैंकों का जो निजीकरण करना चाहती है वह ना तो बैंक कर्मचारियों के हित में है और ना ही आम जनता के हित में, क्योंकि सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के साथ ही आम जनता की सामाजिक बैंकिंग और अन्य आवश्यक बैंकिंग की जरूरतों पर रोक लग जाएगी। इस विशाल विरोध प्रदर्शन में कामरेड अमृतलाल, कामरेड दिनेश डोगरा, कामरेड संजीव भल्ला, कामरेड विनय डोगरा ,कामरेड दलजीत कौर, कामरेड राजेश वर्मा, कामरेड आर के जौली, कामरेड विनोद शर्मा ,कामरेड सुनील कपूर, कॉमरेड दिलीप कुमार पाठक, कामरेड राजकुमार भगत , कामरेड पवन बस्सी, कामरेड कवरजीत सिंह कालड़ा, कामरेड एच एस बीर और कामरेड आर के ठाकुर इत्यादि सम्मिलित हुए और इसके साथ ही यूनियन के नेताओं ने भारत सरकार को चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि सरकारी बैंकों के निजीकरण की नीति को तत्काल वापस नहीं लिया तो इस विरोध प्रदर्शन को देशव्यापी स्तर पर और तेज किया जाएगा।