*👉🏻 सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के होंगे कोरोना टेस्ट, लेकिन विद्यार्थियों के नहीं* *👉🏻 सरकार को बच्चों की जिंदगी की चिंता नहीं, अपनी बदनामी का डर* *👉🏻 पढ़ें पूरी खबर सिर्फ हैडलाइन एक्सप्रेस पर 👇🏻*
पंजाब, 16 मार्च 2021-(एच.ई)-पंजाब में कोरोना पीड़ितों की गिनती रोजाना बढ़ रही है और मरने वालों की गिनती में भी वृद्धि हो रही है। कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए पंजाब सरकार ने दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं को स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं, मगर पांचवी और आठवीं कक्षा की परीक्षाएं निश्चित तारीखों पर ही होगी। लगता है सरकार को छोटे बच्चों की जिंदगी की चिंता नहीं है इसीलिए तो पंजाब सरकार द्वारा बड़ी कक्षाओं की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है जबकि छोटी कक्षाओं के बच्चे स्कूलों में आकर परीक्षा दे रहे हैं।
–सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के होंगे कोरोना टेस्ट, लेकिन विद्यार्थियों के नहीं–
कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के कोरोना टेस्ट करने के आदेश जारी किए हैं। इसीलिए जब एक सरकारी स्कूल के टीचर ने सेहत विभाग के कर्मचारी को कोरोना टेस्ट करने के लिए फोन किया और कहा कि आपकी टीम जब हमारे स्कूल के शिक्षकों के टेस्ट करने आएगी तो विद्यार्थियों के भी कोरोना टेस्ट उसी समय ले लिए जाएं। तभी दूसरी तरफ से बात कर रहे सेहत विभाग के कर्मचारी ने कहा कि सिर्फ शिक्षकों के ही कोरोना टेस्ट करने के आदेश आए हैं। जब टीचर ने सेहत कर्मी से कहा कि कोरोना के कारण विद्यार्थियों की जिंदगी पर भी तो खतरा बना हुआ है तो दूसरी तरफ से बात कर रहे सेहत विभाग के कर्मचारी ने कहा कि उन्हें आदेश हैं कि विद्यार्थियों के कोरोना टेस्ट ना लिए जाएं, क्योंकि अगर बड़ी संख्या में विद्यार्थी पॉजिटिव आए तो सरकार की बदनामी होगी। इसीलिए विद्यार्थियों के कोरोना टेस्ट ना करने के निर्देश हैं। इससे साफ पता चलता है कि सरकार को बच्चों की जिंदगी की परवाह नहीं है। उन्हें तो अपनी बदनामी का डर है। अगर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के कोरोना टेस्ट हो गए और बड़ी गिनती में वह पॉजिटिव आए तो सरकार पर उंगली उठेगी कि उन्होंने स्कूल खोलने के आदेश जारी क्यों किये। इसी डर के मारे सरकार के नुमाइंदों ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के कोरोना टेस्ट ना करने के आदेश दिए हैं।